मंगलवार, 15 सितंबर 2020

online education advantages and disadvantages

 

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान online education advantages and disadvantages

ऑनलाइन एजुकेशन -  कोरोना वायरस के कारण ऑललाइन शिक्षा की जरूरत तेजी से बढ़ी है। कोरोना का शिक्षा पर प्रभाव देखने पर पता चलता है कि शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदल चुकी है। जो स्थिति या समय शिक्षा की दिशा में भविष्य में काफी सालों बाद आना था, वह समय कोरोना ने अभी से हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया है जिसके कारण आज देश का हर बच्चा, वह छोटा हो या बड़ा।

सरकारी स्कूल में पढ़ता हो या फिर प्राइवेट स्कूल में ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहा है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि शिक्षा के इस नए रूप को अपनाने के लिए आपको कुछ सावधानी बर्तनी होगी ताकि आपके बच्चे सही से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकें। ऑनलाइन शिक्षा की स्थिति एक दम हमारे सामने आ गई है जिसके लिए ना हम तैयार थे और ना हमारा समाज।  

ऑनलाइन एजुकेशन

 

अगर ऑनलाइन शिक्षण के फायदे है online shiksha ke fayde तो नुकसान भी है जिन्हें आपको जानना चाहिए। अगर आप इन बातों को नजर अंदाज करती है तो हो सकता है कि आपका बच्चा इस साल कुछ सीखे ही ना। 

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 तो इस ऑर्टिकल में हम आपको बताएगे की ऑनलाइन शिक्षा के समय आपको किन किन बातों का ध्यान रखना होगा। तो सबसे पहले समझते है ऑनलाइन शिक्षा होती क्या है।

ऑनलाइन शिक्षा क्या है What is online education


ऑनलाइन शिक्षा से तात्पर्य है कि एक स्थान पर ही इंटरनेट व अन्य संचार उपकरणों की सहायता से प्राप्त की जाने वाली शिक्षा से माना जाता है। ऑनलाइन शिक्षा या कहे ई-शिक्षा के विभिन्न रूप हैं, जिसमें वेब आधारित लर्निंग, मोबाइल आधारित लर्निंग या कंप्यूटर लर्निंग और वर्चुअल क्लासरूम का प्रयोग किया जाता है। 

कोरोना का शिक्षा पर प्रभाव ही है कि आज हम छोटे छोटे बच्चों को भी ऑनलाइन एजुकेशन दे रहे है जबकि आज से कुछ साल भर पहले हम बड़े बच्चों तक को ऑनलाइन की जगह ऑफ लाइन (स्कूल या किसी स्थान पर जाकर शिक्षा ग्रहण ) करने को प्राथमिकता देते थे। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा की मांग बढ़ी है जिसके कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान तो चलिए हम पहले ऑनलाइन शिक्षा के फायदे देखते है।

ऑनलाइन शिक्षा के फायदे online education ke fayde


 शिक्षक के साथ पूर्ण संपर्क

ऑनलाइन शिक्षा में छात्र अपने शिक्षक के संपर्क में पूर्ण रूप से रह सकते है। बच्चे कभी भी अपने शिक्षक से अपनी समस्यां का समाधान पूछ सकते है लेकिन जब वे स्कूल जाते है तो यह सुविधा उन्हें नहीं मिलती। एक कक्षा को कई शिक्षक विभिन्न विषय पढ़ाते है। जिसके कारण बच्चे के पास कुछ ही समय होता है अपनी परेशानी सुलझाने का लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से वह हर समय अपने शिक्षक के संपर्क में रहता है और अपनी समस्यां का समाधान पूछ सकता है। 


शिक्षा में लचीलापन

ऑनलाइन शिक्षा में लचीलापन होता है क्योंकि शिक्षक जब चाहे अपनी कक्षा में परिवर्तन कर सकता है। और बच्चे भी जहां चाहे जा सकते है और नियमित समय पर अपनी कक्षा में सम्मिलत हो सकते है। इससे स्कूल आने जाने का समय भी बचत है जिसके कारण बच्चे व शिक्षक उस समय को अपने शिक्षा में लगा सकते है। इसके साथ साथ बच्चा कक्षा के दौरान प्राप्त पीडीएफ व वीडियों को कभी भी देख कर शिक्षा प्राप्त कर सकता है । टीचर भी अपने मुताबिक नोटस या वीडियों बनाकर कभी भी सभी बच्चों को भेज कर उन्हें शिक्षा की और अग्रसर कर सकता है।

शिक्षा में रचनात्मका का प्रयोग

ऑनलाइन शिक्षा ने रचनात्मका को बढ़ावा दिया है क्योंकि इससे बच्चों व शिक्षक को अधिक समय प्राप्त होता है जिसके कारण दोनों कुछ क्रिएटिव करने के लिए प्रयासरत रहते है। इसके अलावा शिक्षक को विभिन्न प्रकार से बच्चों को पढ़ाने का मौका मिलता है। ऑनलाइन शिक्षा का एक फायदा यह भी है कि बच्चे प्रौद्योगिकी के पास रहते है। सभी जानते है कि आने वाला समय आधुनिक दुनियां का है जहां आपको प्रौद्योगिकी के साथ ही चलना होगा। ऑनलाइन शिक्षा आपको उससे जुडने का मौका देती है।

प्रभावी शिक्षा

ऑनलाइन शिक्षा प्रभावपूर्ण शिक्षा है क्योंकि यहां शिक्षा का स्तर व्यापक होता है। आप को शिक्षा देते समय बच्चों को डेमो देने की आवश्यकता है तो आप इंटरनेट के माध्यम से उस से संबंधित वस्तु तुरंत सर्च कर बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षा दे सकते है। इसे शिक्षा का स्तर व्यापक होता है और बच्चों को भी सही तरीके से समझ में आता है। जिससे बच्चों की बुद्धि का विस्तार उचित तरीके से होता है।




ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान online shiksha ke nuksan


नैतिक शिक्षा की कमी

जब बच्चे स्कूल जाते है तो वे अपने टीचर से शिक्षा के अलावा नैतिक शिक्षा भी ग्रहण करते है लेकिन ऑनलाइन पढते समय ऐसा नहीं हो पाता । बच्चे का संपर्क सीधा अध्यापक से होता है जिसके कारण वे सामाजिक प्राणी भी नहीं बन पाते। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का संपूर्ण विकास होता है। बच्चे स्कूल जाते है तो अपनी कक्षा में अन्य बच्चों से भी बहुत कुछ ग्रहण करते है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसा संभव नहीं हो पाता है।

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आपने भी कभी ध्यान दिया होगा कि जब आपका बच्चा स्कूल से आता है तो वह कई बार नए शब्द सीखता है जिससे बच्चों का शब्द भंडार बढ़ता है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसा संभव नहीं हो पाता है।

संसाधनों का होना

भारत में अभी इतना विकास नहीं हुआ है कि हम पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा को अपना सकें। अगर शहरों को छोड़ दे तो आज भी गांवों में ऐसे काफी लोग है जो फोन नहीं खरीद सकते अगर फोन किसी तरह ले भी लिया तो हम महीने उसे इंटरनेट का रिचार्ज कैसे कराएगे और अगर किसी तरह इसका बंदोबस्त भी कर लिया तो आज भी गांवों में नेटवर्क की इतनी समस्यां है कि कई बार तो पेड़ पर चढ़कर फोन का नेटवर्क ढूंढना पड़ता है तो ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा सभी तक पहुंचना मुश्किल है।

ऑनलाइन शिक्षा के लिए पर्याप्त योजना का अभाव

जब बच्चें स्कूल से शिक्षा ग्रहण करते है तो वहां एक निश्चित पाठ्यक्रम होता है जिससे बच्चे पढते है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसा अभी नहीं है। यह तो एक दम हमारी मजबूरी बन गई नहीं तो अभी हम इस पद्धति के लिए तैयार नहीं थे। स्कूल या शिक्षा संस्थान में बच्चे जितने अनुशासित रह सकते है । ऑनलाइन क्लासेज में इतने गंभीर नहीं होते है।



समझने में परेशानी

जब कोई बच्चा स्कूल में शिक्षा ग्रहण करता है तो वह अध्यापक से सीधे संपर्क में आता है जिसके कारण कई बार अध्यापक बच्चे के बोल चाल और आपकी प्रतिक्रिया देखकर समझ सकता है और अपने विषय को समझा सकता है। 


आपकी बॉडी लैंग्वेज को पढ़ सकता है और उसके आधार पर आपको समझा सकता है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा में प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बात करने का मौका नहीं मिलता है। छात्रों को समझने और प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा कठिन होता है।

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ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों का दल नजऱ नहीं आता है। अगर किसी छात्र के साथ बाकी के छात्र भी उसके साथ पढ़ते है। अगर एक साथ पढ़ते तो और ज़्यादा पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करता है । हमने अक्सर देखा है कि छात्र जब समूह में पढ़ते है तो वह अधिक सतर्क होते है। बच्चे अपनी काबिलियत साबित करने के लिए ज़्यादा मेहनत करते है और प्रतिस्पर्धा का माहौल रहता है। यह माहौल ऑनलाइन शिक्षा में नहीं मिल पाता है।


उत्साह की कमी


मानव एक समाजिक प्राणी है और ऑनलाइन ट्यूशन की तुलना में छात्र स्वाभाविक  सीधे ट्यूशन में अधिक रुचि रखता है। कभी कभी बच्चे ऑनलाइन  टुइशनस में उत्साह नहीं ले पाते है। स्कूलों और कॉलेजों में टोप्पेर्स और अन्य छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए  प्रतियोगिता करवाए जाते है जिसके लिए उन्हें पुरस्कार दिए जाते है और उत्साह बनी रहती है। ऑनलाइन ट्यूशन में इन चीज़ो की कमी होती है।

आत्म मूल्यांकन की कमी


स्कूलों में बच्चो की योग्यता को जानने के लिए परीक्षाएं और होमवर्क इत्यादि दी जाती है। जिससे शिक्षक जान सकते है कि बच्चे कहाँ पिछड़ गए और कितना जान पाए। बच्चे भी आपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है। ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी नजऱ आती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे इ पुस्तक पढ़ते है  जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।

अनुशासन की कमी


स्कूल में छात्र हमेशा अनुशासन का पालन करते है और एक निर्धारित समय अपना कक्षा कार्य और गृह कार्य पूरा करते है। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में निश्चित अनुशासन का पालन नहीं किया जाता है।


बच्चों के ऑनलाइन बढते समय ध्यान रखें

  •  बच्चे कहीं पढाई के अलावा कुछ और तो नहीं कर रहें है। गेम, या वीडियों देखने में व्यस्त हो
  • टीचर बच्चों पर पूर्ण नजर नहीं रख पाता इस लिए पढाई करते समय आप बच्चे को अकेला ना छोड़े और बच्चे पर बराबर नजर बनाए रखे वह पढ तो रहा है। या पढने में उसे किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं आ रही। 


  • ऑनलाइन पढाई e learning के समय ध्यान रखे कि बच्चे अपना होमवर्क कर रहे है और पढाई के समय वह लगातार अपने अध्यापक से सवाल जवाब करते रहें जिससे पता चलता रहे कि बच्चे सीख रहे है। वरना वे चुप चाप सुनते रहेगे और किसी को पता नहीं चलेगा कि बच्चे कुछ सीख रहे है या नहीं
  • ऑनलाइन क्लास के समय ध्यान रखे कि बच्चे अनुशासन में रहे। कई बार बच्चे किसी का ध्यान ना होने पर अनुशासन में नहीं रहते जिसके कारण उनकी पढाई खराब होती है। 
  • समय समय पर इंटरनेट आदि की सुविधा चैक करते रहे क्योंकि कई बार नेटवर्क ना होने की वजह से इंटरनेट रूक रूक कर चलता है जिससे बच्चों को काफी परेशानी आती है। 


  • ऑनलाइन शिक्षा में आपकी जिम्मेवारी बढ जाती है। बच्चों के साथ साथ आपको अध्यापक पर ध्यान भी रखना होगा कहीं वह टाइम पास तो नहीं कर रहा है। या पढाते समय अपने घर के अन्य काम तो नहीं कर रहा जिससे बच्चों को पढाई का ध्यान बट जाता है।
  • और सबसे महत्वपूर्ण चीज, आपको ऑनलाइन शिक्षा के साथ साथ अपने बच्चे को खुद भी पढाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन क्लास में बच्चों का पूर्ण और संतुलित विकास नहीं होता है।
  • ऑनलाइन क्लास के दौरान बच्चों के साथ आप भी अन्य एक्टिविटी में शामिल हो ताकि बच्चों का संपूर्ण विकास हो सकें 
  • अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि ऑनलाइन शिक्षा में आपको क्‍या online shiksha ke labh in hindi सावधानी बर्तनी है। 


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इस ऑर्टिकल में आपने जाना की 

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1 टिप्पणी:

Love With Mumma ने कहा…
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