मंगलवार, 25 अगस्त 2020

प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए और क्‍या नहीं What to eat and not during pregnancy in hindi





प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए और क्‍या नहीं What to eat and not during pregnancy


अगर आप गर्भावस्था Pregnancy  में है और चाहती है कि आपका बच्चा स्वस्थ रूप से जन्म लें। गर्भावस्था के बाद में आप भी नाॅर्मल रूप से अपने बच्चे को जन्म देना चाहती है ताकि ऑपरेशन की परेशानी से बच सकें तो शायद यह ऑर्टिकल आपके लिए ही हैं यहां हम बताने जा रहे है आपको कि गर्भावस्था के दौरान क्यां खाना चाहिए pregnant women diet   और इससे आपको क्या फायदे होंगे । तो चलिए पहले जानते है गर्भावस्था में संतुलित आहार खाने का क्या फायदा है और आपको संतुलित आहार के लिए क्या खाना चाहिए। 

प्रेगनेंसी
third party image


गर्भावस्था हर औरत के लिए अपने वर्चस्व को पूर्ण करने का एक पल होता है। आपके अंदर एक और जीवन का निर्माण हो रहा होता है जो इस दुनिया के विकास और आपके जीवन का सबसे अनमोल अहसास होता है। लेकिन एक स्वस्थ बच्चे के निर्माण के लिए आपको सही पोषण की बहुत आवश्यकता है आपको इस बात को समझना होगा क्योंकि अगर आपने सही पोषण नहीं लिया तो संभव है आज की इस भाग दौड भरे जीवन में आपका बच्चा दुनियां की रेस में पिछड जाएगा और आप यह बिल्कुल नहीं चाहती होगीं।

गर्भावस्था के दौरान होता है बच्चे के शरीर का निर्माण


गर्भावस्था Pregnancy के दौरान बच्चें के शरीर का निर्माण हो रहा होता है। अगर शरीर निर्माण के दौरान बच्चे को सही पोषण नहीं मिला तो संभव है बच्चा उस गलती का परिणाम अपने पूरे जीवन भुगतेगा तो आपको याद रखना है कि आपकी छोटी सी लापरवाही आपके होने वाले बच्चे के लिए पूरा जीवन या तो उसे आशीर्वाद दे सकती है या फिर उसे हर समय कमजोर महसूस करा सकती है।

 गर्भावस्था में आपके शरीर में बहुत से बदलाव होते है जिन्हें आप हर समय महसूस कर सकती है। आपके शरीर में दो जान होती है जिसके कारण आपके शरीर की खूराक बढ जाती है लेकिन आपको समझना होगा कि पेट भरना और शरीर मांग को पूरा करते हुए शरीर को पोषण देना दोनों अलग अलग बाते हैं जैसे अगर आपको जब भी भूख लगेगी तो आप बर्गर खा लीजिए। इससे आपका पेट तो भर जाएगा लेकिन हर समय बर्गर खाने से आपके शरीर कमजोर हो जाएगा और आप जल्द ही बीमार हो जाओगे। 

गर्भावस्था के दौरान शरीर सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा पोषण की मांग करता है। आपको भोजन में आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड और विटामिन की जरूरत ज्यादा होती है । डाॅक्टर भी आपकी इसी जरूरत को समझते हुए विटामिन और कैल्शियम की गोलियां देते है लेकिन अगर आप खाने पर ज्यादा ध्यान देंगे तो आपको एक स्वस्थ बच्चा प्राप्त होगा जो आपके सपको को साकार करेंगा। तो चलिए अब चलते है गर्भावस्था में संतुलित भोजन के लिए क्या खाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए pregnant women diet

pregnancy diet plan


सब्जियों में पत्तेदार हरी सब्जी शामिल करें

गर्भावस्था के दौरान शरीर को आयरन की बहुत आवश्यकता होती है जिसके कारण डाॅक्टर भी आयरन की गोलियां देते है! अतः आपको भी अपनी थाली में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए! सब्जियों में आयन काफी मात्रा में होता है। खास कर पालक मेें। इस शोध में यह बात भी सामने आई है कि अगर भोजन में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी आदि पोषक तत्व शामिल करते है तो महिला की ओवुलेशन क्षमता का काफी विकास होता है जो बच्चों के लिए आवश्यक है। इससे बच्चों में आनुवांशिक रोग होने का खतरा काफी कम हो जाता है। सब्जियों में आप प्रमुख रूप से पालक, बंद गोभी, ब्रोकली आदि हरी सब्जियों को शामिल कर सकती है। 

दूध एवं उससे बनी वस्तुएं

गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी आदि पोषण तत्व की काफी आवश्यकता होती है। दूध एवं उससे बनी वस्तुओं में यह वस्तुएं काफी मात्रा में मिलती है। शोध से पता चला है कि दूध पीने महिलाओं या दूध से बनीं वस्तुएं खाने वाली महिलाएं साधारण तौर पर जल्द ही गर्भधारण करती है। इन चीजों के रोज इस्तेमाल से महिलाओं में इंफर्टिलिटी या कहें बांझपन जैसी समस्याएं कम देखने को आती है।

दूध से बनी वस्तुओं के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोनों का संतुलन बना रहता है। आपको बता दें कि दूध से बनी वस्तुएं खाने से पुरूष को भी फायदा होता है क्योंकि दूध एवं उससे बनी वस्तुएं पुरूषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता बेहतर बनाते है जिससे गर्भधारण की संभावना काफी बढ जाती है।

दाल और फलियां खाने से मिलता है फायदा

गर्भधारण के समय दाल और फलियां खाने की सलाह हर कोई देता है क्योंकि इनमें पौष्टिक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते है। दाल और फलियां जहां बच्चें के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है वहीं ये गर्भधारण में भी काफी सहायक होती है। इसलिए प्रेग्नेंट होने के लिए महिलाओं को दाल और फलियां खानी चाहिए। दाल मे प्रोटीन, और विटामिन बी आदि पोषक तत्व मिलते है। वहीं दूसरी और बीन्स और फलियों में प्रोटीन के साथ साथ फोलेट, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम भी काफी मात्रा में मिलती है जिसके कारण एक स्वस्थ बच्चे का निर्माण होता है।

साबुत अनाज का प्रयोग

गर्भावस्था में सबुत अनाज का महत्व काफी बढ जाता है। गर्भावस्था के समय शरीर नाॅर्मल शरीर के मुकाबले अधिक कैलोरी की मांग करता है जिसे साबुत अनाज पूरा करने में मदद करते है। गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे महीने में साबुत अनाज की ज्यादा आवश्यकता होती है। आपको बता दें कि साबुत अनाज में फाइबर और विटामिन काफी मात्रा में मिलता है जिससे स्वस्थ बच्चे के निर्माण में काफी महत्वपूर्ण योगदान होता है। साबुत अनाजों में फाइबर और विटामिन्स भी काफी मात्रा में होता है। 

सूखे मेवे

गर्भावस्था मे सूखे मेवे खाने बहुत लाभ मिलता है। सूखे मेवे शरीर की ज्यादातर कमी को पूरा कर देते है। मेवों में बहुत प्रकार के विटामिन, कैलोरी, फाइबर, ओमेगा आदि भरपूर मात्रा में मिलते है जिसके कारण एक स्वस्थ बच्चे के निर्माण में बहुत ही सहायक होते है साथ ही साथ ये माता के शरीर को स्वस्थ रखने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।  आपको बता दें कि सूखे मेवे में काजू, बादाम, अखरोट, आदि शामिल किए जाते है। 

एवोकाडो

यह एक ऐसा फल है जिसको हर गर्भवती महिला को खाना चाहिए क्योंकि इस फल में फोलेट काफी होता है जो गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क और उसकी रीढ की हड्डी के लिए काफी फायदे मंद होता है। इतना तो आप भी जानती होगी कि मस्तिष्क जितना स्वस्थ होगा बच्चा जीवन में उतना ही आसानी से अपने लक्ष्य हासिल कर सकेगा।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं

कहते है शरीर का ज्यादातर हिस्सा पानी से बना हुआ है और इस पृथ्वी पर भी सत्तर प्रतिशत पानी ही है । इस लिए एक गर्भवती महिला को भी अपने गर्भधारण के समय ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए । लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पानी स्वच्छ होना चाहिए। पानी की कमी से सिरदर्द, थकान व कब्ज आदि समस्याएं हो सकती है जो एक स्वस्थ गर्भधारण के समय हानिकारक होती है। 


गर्भधारण के समय क्या नहीं खाना चाहिए 

pregnancy diet plan in hindi
third party image
 

गर्भधारण के समय आपकी थोडी सी लापरवाही आपकी अंदर पल रही नन्हीं सी जान को आपसे दूर कर सकती है। इस लिए आपको यह तो ध्यान रखना है कि स्वस्थ बच्चे के लिए आपको क्या क्या खाना चाहिए लेकिन इससे ज्यादा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आपको गर्भावस्था के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए तो हम बताते है कि आपको क्या नहीं खाना चाहिए 


अपाश्युरिकृत दूध- अपाश्युरिकृत दूध और डेयरी में बने पदार्थों को खाने से आपको बचना चाहिए। इन वस्तुओं में ऐसे विषाणु हो सकते है जिनसे आपके पेट में संक्रमण या आपकी तबीयत खराब हो सकती है जो आपके होने वाले बच्चे के लिए बिल्कुल सही नहीं है

कच्चे या अधपके मांस से आपको बचना चाहिए क्योंकि इनमें ऐसे परजीवी हो सकते है जो आपको बीमार कर सकते है या फिर गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जटिलताएं पैदा कर सकते है। आप यह भी भरोसा नहीं कर सकते कि जिस का मांस है उस जानवर की स्थिति क्या थी कहीं वह बीमार तो नहीं था ये सभी बात छोटी है लेकिन आपके होने वाले बच्चे के जीवन और मरण का प्रश्न भी बन सकती है।


 मादक पदार्थों से बचे

अगर आप शराब या सिगरेट पीती है तो आपको गर्भधारण के समय इन चीजों को छोड देना चाहिए। आप मादक पदार्थों का जितना ज्यादा सेवन करती है उससे शिशु में दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। इसके अलावा मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने से गर्भपात का जोखिम भी काफी बढ जाता है।


बासी भोजन ना करें

गर्भधारण के समय ध्यान रखे कि आप बासी भोजन ना करें क्योंकि बासी भोजन में कई बार विषाणु उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है जिससे आपकी तबियत खराब हो सकती है। इसका असर आपके होने वाले बच्चे पर भी पड सकता है।   
    
  मादक पेय। गर्भावस्था के दौरान शराब छोड़ देनी चाहिए। यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि गर्भावस्था में कितनी मात्रा में शराब का सेवन सुरक्षित है। मगर, हम यह जानते हैं कि ​आप जितनी ज्यादा शराब पीती हैं। शिशु में दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा उतना ही ज्यादा होता है। पहली तिमाही में शराब के सेवन से गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है। इसीलिए विशेषज्ञों की सलाह है कि प्रेगनेंसी में एल्कोहॉल का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।

    प्रतिदिन 200 मिली ग्राम से अधिक कैफीन का सेवन न करें। यक दो बड़े कप चाय या इंस्टेंट कॉफी के बरा​बर है। सोडायुक्त पेय और एनर्जी ड्रिंक्स में भी कैफीन होता हैए इसलिए पेय चुनने से पहले उनके लेबल को अच्छी तरह देख लें। आप इनकी बजाय कैफीनरहित पेय ले सकती हैं।

कुछ शोधों के अनुसाद अत्याधिक पकाए गए स्टार्चयुक्त भोजनों को कम जन्म ​वजन शिशु के साथ जोड़ा गया है। ऐसा प्राकृतिक रसायन एक्राइलामाइड की वजह से होता है, जो कि आलू या ब्रेड को उच्च तापमान पर तलने, बेक करने, भूनने या ​ग्रिल करने पर बनता है।

यह भी पढे -गर्मी में पहने ये कपडे और दिखे कूल और आरामदायक


आपको और शिशु को एक्राइलामाइड के क्या जोखिम हैं। इसे लेकर और शोध की आवश्यकता है। लेकिन अपने आहार में एक्राइलामाइड के स्तर को कम करने के कई आसान तरीके हैं, जिन्हें आप आजमा सकती हैं।

    स्टार्चयुक्त भोजनों को जरुरत से ज्यादा न पकाएं। उदाहरण के तौर पर आलू और चिप्स को केवल केवल हल्का रंग लेने तक तलें और टोस्ट भी ज्यादा गहरा न करें इसे हल्का भूरा ही रहने दें।
    पहले से तैयार भोजनों को, जिन्हें केवल तलने या ओवन में गर्म करने की जरुरत होती है तो उनके बारे में पैकेट पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
   कोशिश करें कि बहुत ज्यादा पैकेट बिस्किट या रेडिमेड भोजन न खाएं क्योंकि एक्राइलामाइड प्रसंस्कृत भोजनों में भी पाया गया है।


आलूओं को कम रोशनी, ठंडी और सूखी जगह पर रखें। इन्हें फ्रिज में स्टोर न करें। फ्रिज में रखने से इनमें शर्करा का स्तर बढ़ सकता है, जिससे तलने, बेक करने या भूनने पर इनमें एक्राइलामाइड का स्तर बढ़ जाता है।


pregnancy diet food
third party image

अगर आप एक महिला है और महिलाओं से संबंधित जानकारी चाहती है तो यह ब्‍लॉग आपके लिए ही है। यहां हम आपको बताएंगे कि महिलाएं कैसे अपने जीवन का विकास कर सकती है। आप एक महिला होने के अलावा भी बहुत कुछ हो जो हम आपको बताएंगे तो जुडे रहें हमारे साथ और अगर आपकी कोई समस्‍यां है तो हमें

womenspecial01@gmail.com पर मेल करें।




कोई टिप्पणी नहीं: